हैदराबाद एनकाउंटर: काशी में महिलाओं ने मनाया जश्न, बांटी मिठाइयां
पूर्वांचल के सभी जिलों में भी लोगों ने एनकाउंटर पर खुशी मनाई। हालांकि साहित्यकारों व अधिवक्ताओं का एक धड़ा ऐसा भी है जिनका मानना है कि न्यायिक प्रक्रिया से दंड मिलना चाहिए। लोगों ने कहा कि हैदराबाद की घटना के आरोपितों ने निर्ममता की सारी हदें पार कर दी थी। ऐसे घिनौना कृत्य के आरोपित और दूसरी ओर पुलिस हिरासत से भागने जैसा हिम्मत करना निंदनीय है। पुलिस ने आवश्यक कार्यवाही की। बलात्कारियों को जैसा दंड मिला, ऐसा ही होना चाहिए। जिस प्रकार से आरोपितों को पुलिस गिरफ्त से भागते दिखाया जा रहा है, अगर ऐसा था तो पुलिस की कार्रवाई उचित है।
लोगों ने कहा कि हैदराबाद के चिकित्सक के साथ हुई घटना मर्माहत करने वाली थी। ऐसे अपराधों में त्वरित और सख्त सजा का प्रविधान होना चाहिये। ताकि ऐसे घिनौना कृत्य करने का कोई दुस्साहस न कर सके। महिला चिकित्सक के साथ हैदराबाद में हुई घटना के दोषियों का एनकाउंटर मन को शांति प्रदान करने वाला है। देश में इस तरह की अन्य घटनाओं के दोषियों को भी इसी तरह की सजा मिलनी चाहिए। महिला चिकित्सक के साथ हुए कृत्य के दोषियों का एनकाउंटर बहुत ही सराहनीय है। चिकित्सक केवल व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि वह जीवन दाता होता है। उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने वालों को यही दंड मिलना चाहिए। बलात्कारियों को दिया गया यह दंड सराहनीय है। देश के अन्य हिस्सों में ऐसी घटनाओं के दोषियों के साथ ऐसा ही होना चाहिए। देश में ऐसे कृत्य पर कठोर दंड से कमी आयेगी और अबलाओं में सबलता आयेगी। हैदराबाद कांड के दोषियों के साथ जो भी हुआ है वह सही है।
कुछ लोगों का कहना है कि हैदराबाद कांड के दोषियों के एनकाउंटर की न्यायिक जांच होनी चाहिए। ऐसे मामलों के दोषियों को त्वरित दंड मिलना चाहिए, लेकिन न्यायालय के माध्यम से। बलात्कारियों को दंड देना एक तरह से जनता का क्षोभ शांत करने की प्रक्रिया मात्र है। हम जनभावना का कद्र जरूर करते हैं लेकिन यह दंड प्रक्रिया कानून का रूप ले तो यह दंड उचित है। एनकाउंटर की न्यायिक जांच होनी चाहिए। हैदराबाद के महिला चिकित्सक के दोषियों का एनकाउंटर सही नहीं है। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। देश में कई एनकाउंटर के मामलों में फर्जी होने का आरोप-प्रत्यारोप लग चुका है। शायद इसकी त्वरित जांच के बाद एनकाउंटर हुआ होता तो लोकतंत्र के लिए बेहतर होता।