बलियाः बाइक-कार की भिड़ंत में तीन की मौत, एक गंभीर

बलियाः बाइक-कार की भिड़ंत में तीन की मौत, एक गंभीर


बांसडीह-बलिया मार्ग पर सोमवार की शाम बड़सरी गांव के पास कार व बाइक की आमने-सामने भिड़ंत में बाइक सवार तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गयी। हादसे में घायल एक अन्य युवक को गंभीर स्थिति में वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया है।


बताया जाता है कि बांसडीहरोड थाना क्षेत्र के साहोडीह गांव निवासी चार युवक एक ही बाइक पर बांसडीह की ओर जा रहे थे। तभी बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के बड़सरी ईंट-भट्ठे के पास सामने से आ रही तेज रफ्तार कार की बाइक से भिड़ंत हो गयी। दोनों वाहन सड़क किनारे गड्ढे में पलट गये। 


हादसे में बाइक पर सवार 22 वर्षीय मंटू राजभर, 19 वर्षीय मनोज उर्फ जिन्न राजभर व 20 वर्षीय अनिल राजभर की मौके पर ही मौत हो गयी। जबकि बाइक सवार एक अन्य युवक 23 वर्षीय अखिलेश राजभर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल से वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया है। बाइक पर सवार चारों गांव में पास-पड़ोस के रहने वाले थे। वे किसी सामान की खरीदारी के लिए जा रहे थे।


मौके पर पहुंचे कोतवाल राजेश कुमार सिंह व एसआई अजय यादव ने मृतकों व घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया। कार सवार युवक को हल्की चोट लगने पर ग्रामीणों ने पीएचसी बांसडीह में भर्ती कराया।


जलवायु परिवर्तन का असर, दिल्ली-यूपी में मानसून आने की तारीखें बदलेंगी

जलवायु परिवर्तन का असर, दिल्ली-यूपी में मानसून आने की तारीखें बदलेंगी


जलवायु परिवर्तन का असर मानसून पर साफ देखा जा रहा है। इसके चलते सरकार ने मानसून के आगमन और विदाई की तारीखों में बदलाव करने का फैसला किया है। दिल्ली यूपी समेत कई राज्यों में मानसून के आगमन की तारीख बढ़ाई जाएगी। केरल में तिथि 1 जून ही रहेगी।


तारीखों में बदलाव की कवायद काफी समय से चल रही थी जिसे इस साल से लागू किया जाएगा। दिल्ली में मानसून के आगमन की तिथि 29 जून है, लेकिन नई तिथि जुलाई के पहले सप्ताह की निर्धारित हो सकती है।


यह देखने में आया है कि दिल्ली में मानसून लगातार सप्ताह भर की देरी से पहुंच रहा है। पृथ्वी विभाग के सचिव एम राजीवन ने बताया कई प्रदेशों में इसके आने की तिथियों में बदलाव हो सकते हैं। इस मुद्दे पर मौसम विज्ञानियों की एक विशेषज्ञ समिति ने कुछ समय पूर्व अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी थी। इन सिफारिशों में कई प्रदेशों में मानसून के आगमन की तिथियों में बदलाव सुझाया गया है।


इन राज्यों में बदलाव : यूपी व दिल्ली के अलावा झारखंड, बिहार, उत्तराखंड में भी मानसून के आगमन की तिथियों को बढ़ाया गया है। जबकि राजस्थान, पंजाब और कश्मीर में पहुंचने की तिथियों को पहले से जल्द किया गया है। जबकि केरल से बंगाल तक मानसून पहुंचने की तारीखें यथावत रहेंगी।


नई तिथियों का ऐलान जल्द : मौसम विभाग के महानिदेशक एम. महापात्र ने कहा कि मानसून की नई तिथियों का ऐलान जल्द किया जाएगा। इसी प्रकार मानसून की विदाई की तिथि को आगे खिसका दिया जाएगा। राजस्थान से सितंबर के पहले सप्ताह में मानसून की विदाई होती है लेकिन इसे तीसरे सप्ताह में किया जाएगा। क्योंकि कई सालों से मानसून देर तक उत्तर भारत में सक्रिय रहता है।


असर : फसल चक्र में बदलाव करना होगा
मौसम की तारीखों में बदलाव से किसानों पर फसल चक्र में बदलाव का दबाव पड़ेगा, या उन्हें कम अवधि में तैयार होने वाली फसलें तैयार करनी होंगी। मसलन, यूपी में यदि मानसून के आगमन में एक हफ्ते की देरी को आधिकारिक घोषित किया जाता है तो धान की रोपाई एक सप्ताह आगे खिसकानी होगी। इसके अलावा नई तिथियों से मानसून से जुड़ी अन्य तैयारियों को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।


1965 में तय हुई थी तारीखें
मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. केजे रमेश ने कहा कि मौजूदा तिथियां 1965 के आसपास निर्धारित की गई थीं लेकिन तब से जलवायु में बड़े बदलाव हुए हैं। पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा परिवर्तन हुए हैं। इसलिए मानसून की तारीखें बदलना समय की जरूरत है


UPPSC PCS prelims 2019: नकल रोकने के लिए यूपीपीएससी उठाएगा कदम

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UPPSC PCS prelims 2019: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2019 प्रारंभिक परीक्षा में जैमर लगाने की तैयारी है। 15 दिसंबर को प्रस्तावित परीक्षा की तैयारियों को लेकर जिलों के नोडल अधिकारियों की बैठक गुरुवार को आयोग में हुई। इसमें परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाने, सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराने और प्रश्नपत्र व उत्तरपुस्तिका की खोलते व बंद करते समय वीडियोग्राफी कराने समेत अन्य बिन्दुओं पर चर्चा हुई।


प्रारंभिक परीक्षा दो पालियों में सुबह 9.30 से 11.30 और 2.30 से 4.30 बजे तक आगरा, प्रयागराज, आजमगढ़, बरेली, बाराबंकी, गोरखपुर, अयोध्या, गाजियाबाद, जौनपुर, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, रायबरेली, सीतापुर, वाराणसी, मथुरा व मीरजापुर जिलों में होगी। सभी जिलों में एडीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है। नोडल अधिकारियों को निर्देश बैठक में दिए गए। बैठक में अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार, सचिव जगदीश समेत अन्य अधिकारी रहे। इसके लिए 5,44,664 ऑनलाइन आवेदन हुए हैं।
 


हैदराबाद एनकाउंटर: काशी में महिलाओं ने मनाया जश्न, बांटी मिठाइयां

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पूर्वांचल के सभी जिलों में भी लोगों ने एनकाउंटर पर खुशी मनाई। हालांकि साहित्यकारों व अधिवक्ताओं का एक धड़ा ऐसा भी है जिनका मानना है कि न्यायिक प्रक्रिया से दंड मिलना चाहिए। लोगों ने कहा कि हैदराबाद की घटना के आरोपितों ने निर्ममता की सारी हदें पार कर दी थी। ऐसे घिनौना कृत्य के आरोपित और दूसरी ओर पुलिस हिरासत से भागने जैसा हिम्मत करना निंदनीय है। पुलिस ने आवश्यक कार्यवाही की। बलात्कारियों को जैसा दंड मिला, ऐसा ही होना चाहिए। जिस प्रकार से आरोपितों को पुलिस गिरफ्त से भागते दिखाया जा रहा है, अगर ऐसा था तो पुलिस की कार्रवाई उचित है। 


लोगों ने कहा कि हैदराबाद के चिकित्सक के साथ हुई घटना मर्माहत करने वाली थी। ऐसे अपराधों में त्वरित और सख्त सजा का प्रविधान होना चाहिये। ताकि ऐसे घिनौना कृत्य करने का कोई दुस्साहस न कर सके। महिला चिकित्सक के साथ हैदराबाद में हुई घटना के दोषियों का एनकाउंटर मन को शांति प्रदान करने वाला है। देश में इस तरह की अन्य घटनाओं के दोषियों को भी इसी तरह की सजा मिलनी चाहिए। महिला चिकित्सक के साथ हुए कृत्य के दोषियों का एनकाउंटर बहुत ही सराहनीय है। चिकित्सक केवल व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि वह जीवन दाता होता है। उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने वालों को यही दंड मिलना चाहिए। बलात्कारियों को दिया गया यह दंड सराहनीय है। देश के अन्य हिस्सों में ऐसी घटनाओं के दोषियों के साथ ऐसा ही होना चाहिए। देश में ऐसे कृत्य पर कठोर दंड से कमी आयेगी और अबलाओं में सबलता आयेगी। हैदराबाद कांड के दोषियों के साथ जो भी हुआ है वह सही है। 


कुछ लोगों का कहना है कि हैदराबाद कांड के दोषियों के एनकाउंटर की न्यायिक जांच होनी चाहिए। ऐसे मामलों के दोषियों को त्वरित दंड मिलना चाहिए, लेकिन न्यायालय के माध्यम से। बलात्कारियों को दंड देना एक तरह से जनता का क्षोभ शांत करने की प्रक्रिया मात्र है। हम जनभावना का कद्र जरूर करते हैं लेकिन यह दंड प्रक्रिया कानून का रूप ले तो यह दंड उचित है। एनकाउंटर की न्यायिक जांच होनी चाहिए। हैदराबाद के महिला चिकित्सक के दोषियों का एनकाउंटर सही नहीं है। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। देश में कई एनकाउंटर के मामलों में फर्जी होने का आरोप-प्रत्यारोप लग चुका है। शायद इसकी त्वरित जांच के बाद एनकाउंटर हुआ होता तो लोकतंत्र के लिए बेहतर होता।


UPSC IAS इंटरव्यू में पूछा- आप इतने दुबले पतले क्यों हो, जानें दिलचस्प जवाब

UPSC IAS इंटरव्यू में पूछा- आप इतने दुबले पतले क्यों हो, जानें दिलचस्प जवाब


UPSC IAS interview question: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का इंटरव्यू अमूमन 20 से 25 मिनट तक चलता है। आखिर इन कुछ मिनटों के दौरान कैसे आंका जाता है कि आप सिविल सेवा अधिकारी बनने लायक है या नहीं? आप इस देश की सर्वोच्च सिविल सेवाओं में शामिल होने के काबिल है या नहीं। अपनी किताब 'द स्टील फ्रेम: ए हिस्ट्री ऑफ आईएएस' को लेकर दिए एक इंटरव्यू के दौरान यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन दीपक गुप्ता ने कहा कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के सिलेबस में यह साफ साफ लिखा होता है कि इंटरव्यू का क्या उद्देश्य है। हर उम्मीदवार को इस पर जरूरी नजर डालनी चाहिए। उसमें लिखा होता है उम्मीदवार का एटीट्यूट, कम्युनिकेशन एबिलिटी, लॉजिकल रीजनिंग चेक की जाएगी। इंटरव्यू में उम्मीदवार को नॉलेज का नहीं बल्कि उसकी अवेयरनेस का टेस्ट होता है। नॉलेज पहले की परीक्षाओं में हो चुकी होती है। देश दुनिया की हलचल से आपका रूबरू होना जरूरी होता है। इसके अलावा आप जो भी बात कहें उसके हर पहलू से आपको अवगत होना चाहिए। अगर इंटरव्यू बोर्ड में से कोई सदस्य आपके जवाब पर काउंटर कर दें तो आप क्या कहेंगे। हर पहलू के बारे में सोचना चाहिए। हर विषय को गंभीरता से लेने और समझने की जरूरत होती है। कॉन्फिडेंस, नॉर्मल और नेचुरल होना चाहिए। 


उन्होंने बताया कि उम्मीदवार के अंदर से एक ईमानदार इंसान की झलक दिखनी चाहिए। एक पुराने वाकये का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक बार इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य ने उम्मीदवार से पूछा - Why are you so Lean and Thin? ( आप इतने दुबले पतले क्यों हैं? ) । उम्मीदवार ने जवाब में कहा- Sir, IAS is not joke and Allahabad University is not sanatorium । ( आईएएस कोई मजाक नहीं है और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कोई सेनेटोरियम (जहां मरीजों को स्वस्थ करने के लिए लंबे समय तक रखा जाता है) नहीं है। 
यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन ने कहा- तो इस तरह आपके अंदर से एक ईमानदार आदमी की झलक दिखनी चाहिए। आपको अपनी बात को कहना, आर्ग्यू करना आना चाहिए। आपको आगे बहुत बड़ी जिम्मेदारी संभालनी है।


डाक घर भर्ती 2019: बिना परीक्षा 3650 भर्तियां, 10वीं पास करें आवेदन, लास्ट डेट बढ़ी

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India Post GDS Gramin Dak Sevak 2019 Apply Online: भारतीय डाक ने महाराष्ट्र सर्किल के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। अब लास्ट डेट 30 नवंबर से बढ़ाकर 3 दिसंबर कर दी है। 3 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन व ऑनलाइन फीस जमा कराई जा सकती है। ये भर्तियां ब्रांच पोस्ट मास्टर, असिस्टेंट ब्रींच बोस्ट मास्टर और ग्रामीण डाक सेवक के पद पर निकाली गई हैं। कुल पदों की संख्या 3650 है। उम्मीदवारों का चयन मेरिट के आधार पर होगा। परीक्षा नहीं ली जाएगी। उम्मीदवारों का 10वीं मैथ्स व इंग्लिश विषयों के साथ पास होना अनिवार्य है। उम्मीदवारों का 10वीं तक स्थानीय भाषा पढ़ा होना भी जरूरी है। 


आयु सीमा
18 से 40 वर्ष। अधिकतम आयु सीमा में ओबीसी को तीन वर्ष, एससी-एसटी को पांच की छूट दी जाएगी। 


साथ ही उम्मीदवार का कम से कम 60 दिनों का बेसिक कंप्यूटर कोर्स किया होना जरूरी है। 


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चयन 
कोई परीक्षा नहीं होगी। उम्मीदवारों का चयन मेरिट के आधार पर होगा। मेरिट 10वीं में प्राप्ताकों के आधार पर बनेगी। अगर किसी उम्मीदवार के पास हायर क्वालिफिकेशन है, तो यह कोई मायने नहीं रखेगा। सिर्फ 10वीं के मार्क्स ही चयन का आधार बनेंगे। 


जो उम्मीदवार आवेदन करना चाहते हैं indiapost.gov.in या appost.in/gdsonline पर जाकर रजिस्टर करें और यहीं से आवेदन करें। 


एप्लाई ऑनलाइन मोड से ही करना होगा। इस भर्ती के जरिए ब्रांच पोस्ट मास्टर (बीपीएम), असिस्टेंट ब्रांच पोस्टमास्टर (एबीपीएम) और डाक सेवकों की भर्ती होगी। 


14 रिश्‍तेदारों की हुई मौत तो बचने के लिए 30 साल से दुल्‍हन बनकर रह रहा आदमी

14 रिश्‍तेदारों की हुई मौत तो बचने के लिए 30 साल से दुल्‍हन बनकर रह रहा आदमी


जौनपुर. यूपी के जौनपुर (Jaunpur) के एक व्‍यक्ति के साथ कुछ ऐसा हुआ कि अब वह पिछले 30 साल से रोजाना दुल्‍हन (Bride) की तरह सज कर रह रहा है. उसे उसकी मौत का डर सता रहा है, जिसके कारण वह रोजाना ऐसा करता है. दरअसल इस व्‍यक्ति ने जब तीसरी शादी की थी तो एक के बाद एक उसके 14 रिश्‍तेदारों की मौत हो चुकी है. जौनपुर के इस व्‍यक्ति का नाम चिंताहरण चौहान (Chintaharan Chauhan) है. वह मजदूर है.

66 साल का चिंताहरण चौहान जौनपुर जिले के जलालपुर के हौजखास गांव का रहने वाला है. वह रोजारा सुबह उठने के बाद लाल साड़ी पहनता है. बिंदी लगाता है. नाक में नथुनी पहनता है. कान में झुमका और हाथ में चूड़ियां पहनता है. उसका दावा है कि वह ये सब अपनी मौत को टालने के लिए करता है.

दिनाजपुर में की थी दूसरी शादी
चौहान के रिश्‍तेदारों की मौत के पीछे भी दिलचस्‍प कहानी है. चिंताहरण के अनुसार, 14 साल की उम्र में उसकी पहली शादी हुई थी. शादी के कुछ ही महीनों के बाद उसकी पत्‍नी की मौत हो गई. 21 साल की उम्र में वह ईंट भट्ठे पर काम करने के लिए पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर चला गया. वहां वह ईंट भट्ठे पर काम करने वाले लोगों के लिए पास की दुकान से खाना और अन्‍य चीजें खरीदकर लाता था. ऐसे में उसकी दोस्‍ती दुकान मालिक से हो गई. वह बंगाली था


दूसरी पत्‍नी ने की थी आत्‍महत्‍या
चार साल बाद चिंताहरण ने दुकान मालिक की बेटी से शादी कर ली. लेकिन चिंताहरण का परिवार इस शादी का विरोध करने लगा. परिवार का विरोध देखते हुए चिंताहरण एक दिन अपनी बंगाली पत्‍नी को छोड़कर जौनपुर आ गया. उसके जौनपुर चले जाने की बात से उसकी पत्‍नी को सदमा लगा. पत्‍नी से कुछ दिन बाद आत्‍म‍हत्‍या कर ली. चिंताहरण को इसकी जानकारी तब मिली जब वह एक साल बाद फिर दिनाजपुर गया.


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